ROM क्या होता है- Types, Functions, Uses and Characteristics 

जब हम कंप्यूटर मेमोरी के बात करते है. तो हमारे सामने दो सबसे प्रमुख नाम आते है. पहला रैम और दूसरा rom पहले हम एक पोस्ट में RAM के बारे में जान चुके है. इसलिए आज के इस पोस्ट में हम rom के बारे में जानेंगे

दरअसल हम में से ज्यादातर लोग ROM (Read Only Memory) के नाम से परिचित जरूर होंगे और आप में से बहुत से लोगों को इसके बारे में पता भी होगा की ROM का Use कहां और क्यों किया जाता है. लेकिन जिन्हें ROM क्या होता है. के बारे में नहीं पता है. उनके लिए आज का यह पोस्ट काफी हेल्पफुल होने वाला है.

जिस प्रकार हमारे जीवन से जुड़ी घटनाएं यादें और लम्हे हमारे दिमाग में स्टोर होती है. और जरूरत पड़ने पर हम उसे फिर से याद कर सकते है. ठीक उसी तरह कंप्यूटर में भी डाटा को स्टोर करने के लिए एक प्रकार की मेमोरी का उपयोग किया जाता है.

जब कंप्यूटर का आविष्कार किया गया तब डाटा को सुरक्षित रखने के लिए कई तरह की मेमोरी को कंप्यूटर के MotherBoard के साथ Install किया गया जिसमें Program का डाटा और Information को स्टोर किया जाता है. ताकि जब भी कंप्यूटर से एक ही डाटा की मांग करें तो वह अपने मेमोरी में Install उस डाटा को निकालकर हमारे सामने ला सकें.

लेकिन कंप्यूटर को ऑपरेट करने के लिए एक नहीं बल्कि कई प्रकार की मेमोरी की जरूरत पड़ती है. जिसमें रजिस्टर मेमोरी कैश मेमोरी रैम ROM जैसे कई मेमोरी शामिल होती है. लेकिन आज के इस पोस्ट में हम ROM Memory के बारे में जानेंगे की आखिरकार ROM क्या होता है. (What is ROM in Hindi), ROM का Full Form क्या होता है. साथ ही साथ है. ROM के कार्य, उपयोग और विशेषता के बारे में भी विस्तार से जानेंगे

ROM मेमोरी क्या होता है | ROM ka Full Form

ROM का Full Form Read only Memory होता है. जिसका काम केवल डाटा को Read करना मतलब पढ़ना होता है. या एक शिप के रूप में motherboard में Install किया जाता है. जो डाटा को स्थाई रूप से मतलब Permanent Store करता है. ROM एक प्रकार का non-volatile memory है.

नॉन वोलेटाइल का मतलब यदि कंप्यूटर अचानक तरीके से बंद हो जाने पर भी इस मेमोरी में स्टोर डाटा Delete नहीं होती है. कंप्यूटर Device बंद होने के बाद भी डाटा स्थाई रूप से ROM मे ही स्टोर रहता है. या वैसी मेमोरी होती है. जिसमें कंप्यूटर को बनाते समय कंप्यूटर को Start करने वाले Programकी सेटिंग को Install किया जाता है. जो कंप्यूटर के booting process को करने में मदद करती है.

दरअसल computer booting एक प्रकार की Process है. जो कंप्यूटर को Start करने में मदद करती है. दरअसल ROM Memory में एक बार डाटा को स्टोर करने के बाद केवल इसे read किया जा सकता है. लेकिन उसे Delete या एडिट नहीं किया जा सकता है. इसलिए ROM को Read Only Memory कहा जाता है.

कंप्यूटर में rom का उपयोग BIOS (Basic Input Output System) और Firmware सॉफ्टवेयर को Install करने के लिए किया जाता है. Firmware को कंप्यूटर में मदर बोर्ड के manufacturing के समय ही Install कर दिया जाता है. इसलिए Firmware को हार्डवेयर को चलाने वाला सॉफ्टवेयर दिखाया जाता है. और इसी Firmware सॉफ्टवेयर को ROM मेमोरी में Install किया जाता है. जिसमें Device को एक-दूसरे हार्डवेयर से कनेक्ट और Interact करने के Instruction डाटा मौजूद होता है.

ROM मेमोरी का उपयोग कंप्यूटर में ही नहीं बल्कि और भी कई प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक Device में भी किया जाता है. जैसे Smartphone, Digital Watch, Smart TV, Robot इत्यादि

rom के साथ-साथ कंप्यूटर में और भी कई सारी दूसरे मेमोरी से मिलकर काम करती है. जैसे RAM, hard-disk, SSD इत्यादि RAM और ROM को कंप्यूटर का primary memory या main memory के नाम से जाना जाता है. जिस तरह rom परमानेंट मेमोरी होता है. ठीक उसके उल्टा RAM एक temporary memory होता है, क्योंकि कंप्यूटर को जैसे ही हम बंद करते है. वैसे ही RAM में स्टोर सभी डाटा अपने आप Delete हो जाता है. इसलिए RAM को volatile memory भी कहा जाता है.

रैम और ROM के अलावा कंप्यूटर में Secondry memory जैसे Hard disk, ssd, pendrive का भी उपयोग किया जाता है. वैसे तो यह सभी Secondry memory स्टोर किए गए डाटा परमानेंट होते है. लेकिन इसे edit ओर delete किया जा सकता है. secondary memory की storage capacity प्राइमरी मेमोरी की तुलना में कई गुना ज्यादा होती है.

what is rom in hindi
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ROM कैसे काम करता है | ROM kaise kaam karata hai

ROM एक चिप के आकार का होता है. जो MotherBoard पर Install किया जाता है. और यह सीधे तौर पर सीपीयू से जुड़ी रहती है. rom चिप के अंदर किसी भी प्रकार का डाटा स्टोर किया जा सकता है. जैसे Software Application Document Audio और Video File.

ROM में स्टोर किए गए इन सभी डाटा को हम कभी भी एक्सेस कर सकते है. लेकिन उसे Delete नहीं कर सकते है. जब भी हम अपना कंप्यूटर या SmartPhone Start करते है. तब किसी एप्लीकेशन यह सॉफ्टवेयर को चलाने के लिए सिस्टम rom से एप्लीकेशन का डाटा एक्सेस करता है.

फिर RAM की मदद से फोन में Install एप्लीकेशन काम करना शुरू कर देता है. एप्लीकेशन का इस्तेमाल होने के बाद जब हम एप्लीकेशन को बंद कर देते है. तब उसका डाटा वापस से ROM में चला जाता है. और RAM से डाटा खाली हो जाता है. और इस तरह RAM और ROM का उपयोग करके हम कंप्यूटर और SmartPhoneDevice को Use कर पाते है.

हम जितने भी Applications, Document, Video, Audio, File डाउनलोड करते है. वह सभी ROM में ही save होकर रहता है. और जरूरत पड़ने पर इस डाटा को RAM के द्वारा एक्सेस कर लिया जाता है.

ROM कितने प्रकार के होते है | Types of ROM in hindi

कंप्यूटर लैपटॉप और SmartPhone में उपयोग होने वाले ROM भी कई प्रकार के होते है., दरअसल इसके स्ट्रक्चर और डाटा मिटाने के अनुसार ROM तीन प्रकार के होते है.

  • PROM
  • EPROM
  • EEPROM

चलिए इन सभी types of rom in hindi के बारे में विस्तार से जानते है.

1. PROM क्या होता है.

PROM का Full Form Programmable Read Only Memory होता है. या एक मेमोरी चिप होती है. PROM को OTP यानी one time programmable chip भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें किसी भी प्रकार का डाटा को केवल एक ही बार Programकिया जा सकता है. एक बार डाटा Programकर देने के बाद डाटा को ना तो Delete और ना ही एडिट किया जा सकता है.

कोई भी यूज़र या Manufacture बाजार से Blank PROM खरीद कर उसमें अपने अनुसार Instruction और डाटा डाल सकता है. इस मेमोरी के अंदर छोटे-छोटे बहुत सारे फ्यूज होते है. जिसमें Programming के माध्यम से Instruction और डाटा Feed किया जाता है. एक बार Instruction और डाटा Programहो जाने के बाद इसे Delete और एडिट नहीं किया जा सकता

PROM मे स्थाई रूप से डाटा को Programकरने के Process को Burning के नाम से जाना जाता है. जिस मशीन की मदद से PROM मे डाटा Input किया जाता है. उसे PROM Burner कहा जाता है.

Applications of PROM

PROM का उपयोग डिजिटल Device मे डाटा को हमेशा के लिए स्टोर करने के लिए किया जाता है. जैसे

  • TV Remote
  • Mobile Phones
  • Early Computer Bios
  • Video game consoles
  • Radio-Frequency Identification

2. EPROM क्या होता है.

EPROM का Full Form Erasable Programmable Read Only Memory होता है. इसमें स्टोर की गई Information और डाटा को ultraviolet rays के द्वारा 40 मिनट के लिए लाइट पास करके इसकी मेमोरी को मिटाया जा सकता है. मतलब EPROM से डाटा को Ultraviolet Rays का उपयोग करके Delete किया जा सकता है. और EPROM को दोबारा से Reprogram भी किया जा सकता है.

EPROM दूसरे ROM की तुलना में सस्ती और टिकाऊ होती है. लेकिन इसमें कुछ कमी भी होती है. जैसे इसमें डाटा को मिटाने के लिए बिजली की खपत बहुत ज्यादा होते है. इस पर से डाटा को Delete करने के लिए कंप्यूटर कि MotherBoard से हटाना पड़ता है.

EPROM से डाटा को एक-एक करके Delete नहीं किया जा सकता है, क्योंकि जब हम डाटा को मिटाने के लिए Ultraviolet Rays का उपयोग करते है. तो इसमें स्टोर सभी डाटा एक ही साथ एक ही बार में Delete हो जाता है.

Applications of EPROM

कई सारे इलेक्ट्रॉनिक Device में EPROM का इस्तेमाल किया जाता है. जैसे

  • Modem
  • Video Card
  • Compact Flash
  • Smart Memory
  • Memory Stick
  • Computer BIOS Chip

3. EEPROM क्या होता है.

EEPROM का Full Form Electrically Erasable and Programmable Read Only Memory होता है. इसे फ्लैश मेमोरी के नाम से भी जाना जाता है. इसे unchanging memory भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें भी डाटा और Information स्थाई रूप से Install होता है. EEPROM मे स्टोर डाटा को electric signal की मदद से हटाया जा सकता है.

EPROM की तुलना में EEPROM से डेटा को मिटाना आसान है, क्योंकि EEPROM मेमोरी चिप के डेटा को मिटाने के लिए इसे Device से बाहर निकालने की जरूरत नहीं है. जबकि EPROM के डाटा को Delete करने के लिए Device से EPROM चिप को हटाना पड़ता है.

EEPROM चिप के डेटा को हजारों बार मिटा कर Reprogram किया जा सकता है. EEPROM में डेटा को मिटाने में लगभग 4 से 10 मिलीसेकंड का समय लगता है. इसे hybrid memory भी कहा जाता है, क्योंकि यह डाटा को स्टोर करने के साथ-साथ होल्ड करके भी रखता है. इसलिए यह RAM और ROM का मिश्रण है.

Applications of EEPROM

इस प्रकार के ROM का उपयोग digital camera और MP3 प्लेयर के अलावे Computer मे किया जाता है. जैसे

  • Computer Bios Chip
  • Microcontrollers for Smart Cards

अब आप Different Types of ROM Memory को विस्तार से समझ चुके है. अब चलिए हम ROM के फायदे और विशेषता के बारे में जानते है.

ROM की क्या विशेषता है | Advantage of ROM Hindi

  • ROM का उपयोग system software और hardware Software को Install करने के लिए किया जाता है.
  • RAM की तुलना में ROM काफी सस्ता होता है.
  • ROM कई प्रकार के Size में उपलब्ध होता है.
  • read only memory में डाटा से छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता है.
  • इसमें developer और programmer के द्वारा Data को एक ही बार Programकिया जाता है.
  • इसलिए डाटा storage के मामले में ज्यादा सुरक्षित है.
  • यह non-volatile memory होता है. जो Data को स्थाई रूप से बनाए रखता है. इसलिए Computer के Hang होने या बंद होने से भी हमारा डाटा सुरक्षित और लंबे समय तक Safe रहता है.
  • यह कंप्यूटर में उपयोग होने वाले अन्य memory से अधिक भरोसेमंद होता है, क्योंकि RAM मे डाटा तभी तक होता है. जब तक से power supply में मिलती रहती है. लेकिन ROM के साथ ऐसा नहीं है.
  • ROM मे काफी सोच समझकर डाटा और Instruction Input किया जाता है.

यदि आपने ऊपर के What is ROM In hindi इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ा होगा तो आपको रूम से जुड़ी कई सारी महत्वपूर्ण जानकारी जैसा ROM क्या होता है. ROM के कितने प्रकार कार्य उपयोग और विशेषता के बारे में पूरी तरह समझ चुके होंगे

अब यदि अगली बार आपसे कोई ROM के बारे में बात करता है. तो आप उसे ROM से जुड़ी कई सारी जानकारी दे सकते है. या उसे हमारे इस पोस्ट का लिंक शेयर कर सकते है. हमें उम्मीद है. कि आपको ROM kya hota hai विषय से जुड़ा यह पोस्ट जरूर पसंद आया होगा

Unhindi.com के इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद यदि आप कंप्यूटर टेक्नोलॉजी इंटरनेट गैजेट से जुड़े पोस्ट को पढ़ने के लिए हमारे इस ब्लॉग को जरूर सब्सक्राइब करें

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